Gehre Jakham गहरे जख्म

 






समाज में लगभग सत्तर प्रतिशत महिलाएं आज भी पीड़ित हैं। स्त्री जो सृष्टि समाज में लगभग सत्तर प्रतिशत महिलाएं आज भी पीड़ित हैं। स्त्री जो सृष्टि का आधार है, वो अपने कर्तव्य पालन के महती दायित्व का निर्वहन करने के लिये अपने माता-पिता और परिवार का परित्याग करती है और अपने पति, ससुराल वालों की सेवा और अपने बच्चों का लालन-पालन करती है। गंभीर से गंभीर परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्य को पूर्ण करती है और समाज के बनाये नियमों का पालन करती है, परन्तु जब स्त्री के सम्मान की बात आती है तो प्यार और सम्मान छोड़ बदले में घोर उपेक्षा ही मिलती है और कभी-कभी तो यह मानवता की सारी हदें तोड़ देती है। तब सवाल यह उठता है कि इससे कैसे निजात पाया जा सकता है। पुरुष प्रधान समाज की इन अमानवीय बेड़ियों को तोड़ने का आधार क्या होगा। बेशक शिक्षा ही होगा और स्वावलम्बन के साथ अन्याय के विरुद्ध संघर्ष करके ही परिवर्तन लाया जा सकता है। 


इस कहानी के सशक्त पात्र खुशबू, पूनम और रूपा कैसे अलग-अलग परिस्थितियों में संघर्ष कर एक दुसरे के लिए समर्पित रहती है।


Writer's Details:-


Writer :- Suneeta Gond



Book Details:- 


Book Type :- Paperback

Number of Pages :-272 Excluding Cover Pages

Genre :- Social